01. राजस्थान- सामान्य परिचय
- ऋग्वेद में राजस्थान को बहमवर्त व रामायण में वाल्मीकि ने मरूकांतार कहा है।
- सबसे प्राचीन लिखित उल्लेख बंसतगढ शिलालेख (सिरोही) में मिलता है जिसमें राजस्थान के लिए राजस्थानीयादित्य’ शब्द मिलता है।
- जार्ज थॉमस पहला व्यक्ति था जिसने इस भू-भाग के लिए ‘राजपूताना’ शब्द का प्रयोग किया, इसका उल्लेख पुस्तक ‘मिल्ट्री मेमोयर्स ऑफ मिस्टर जार्ज थॉमस’ (1805 में विलियम फ्रेन्कलिन द्वारा प्रकाशित) में मिलता है।
- अग्रेंजो ने इस भू भाग का नाम राजपूताना रखा था।
- राजस्थान शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग कर्नल जेम्स टॉड ने अपनी पुस्तक ‘द एनाल्स एंड एंटिक्विटिज ऑफ राजस्थान’ में किया।
राजस्थान की स्थिति –
- विश्व / ग्लोब में राजस्थान उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में, एशिया महाद्वीप में दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य कोण) व भारत में उत्तर-पश्चिम (वायव्य कोण) में स्थित है।
- अंक्षाशीय दृष्टि से – उत्तरी गोलाई में है।
- देशातरीय दृष्टि से – पूर्वी गोलाई मे है।
अक्षांश व देशान्तर –
- पूर्व से पश्चिम के मध्य ग्लोब पर काल्पनिक रेखाएँ अंक्षाश व उत्तर से दक्षिण के मध्य ग्लोब पर रेखाएं देशांतर कहलाती है।
- अंक्षाश से दूरी की गणना व देशातर से समय की गणना होती है।
- ग्लोब पर कुल अंक्षाश रेखाओ की सख्यां 179
- ग्लोब पर कुल अंक्षाशो की सख्यां – 181
- ग्लोब पर कुल देशातर – 360
- दो अंक्षाश के मध्य दूरी 13 किमी
- दो देशान्तर के मध्य दूरी 32 किमी
- 0° अंक्षाश रेखा को भूमध्य (विषुवत) रेखा कहते है।
- 0° देशान्तर रेखा को ग्रीनविच रेखा / प्रधान मध्यान रेखा कहते है।
- 1° देशातंर को पार करने में 4 मिनट का समय लगता है।
- भारत की मानक समय रेखा 82°30′ पूर्वी देशान्तर रेखा को माना गया है, जो प्रयागराज के निकट नैनी स्थान से गुजरती है।
- भारतीय मानक समय (IST) ग्रीनवीच मीन टाईम (GMT) से 5 घण्ट 30 मिनट आग है व देशातंर रेखा के पश्चिम में जाने पर समय में कमी होगी।
कर्क रेखा-
- 23°30’ उत्तरी अंक्षाश रेखा को कर्क रेखा कहते है
- कर्क रेखा भारत के 8 राज्यों (गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ, झारखण्ड, पं बंगाल, त्रिपुरा, मिजोरम ) से गुजरती है जिसमें कर्क रेखा की सर्वाधिक लम्बाई मध्यप्रदेश व सबसे कम त्रिपुरा में है।
- राजस्थान में कर्क रेखा की लम्बाई 26 किमी है जो बाँसवाडा के मध्य (कुशलगढ तहसील) से व डूँगरपुर के चिखली गाँव से गुजरती है
- 21 जून को सबसे लम्बा दिन, सबसे छोटी रात व सबसे छोटी परछाई बनती है इसके बाद सूर्य दक्षिणायन होना प्रारभ हो जाता है।
- सूर्य की किरणों का सर्वाधिक सीधापन / लम्बवत – बाँसवाडा
- सूर्य की किरणों का सर्वाधिक तिरछापन – गंगानगर
बाँसवाडा से गंगानगर की तरफ जाने पर सूर्य की किरणों का तिरछापन बढ़ता है।
मकर रेखा –
- 23°30′ दक्षिणी अंक्षाश रेखा को मकर रेखा कहते है 22 दिसम्बर को मकर रेखा पर सूर्य सीधा चमकता है, इसलिए उत्तरी गोलाई में दिन छोटा व रात बड़ी होती है।
- 21 मार्च (बंसत विषुव) व 23 सितम्बर (शरद विषुव) को सूर्य भूमध्य रेखा परचमकता है तो दिन व रात बराबर होते है।
राजस्थान का विस्तार –
- राजस्थान 23°03′ उत्तरी अंक्षाश से 30012′ उत्तरी अंक्षाश व 69°30′ पूर्वी देशान्तर से 78°17′ पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित है।
- राजस्थान का मध्यवर्ती अंक्षाश – 27° उत्तरी अंक्षाश
- राज. का मध्यवर्ती देशान्तर 74° पूर्वी देशान्तर
- 70° पूर्वी देशान्तर पर स्थित जिला जैसलमेर
- राज. की उत्तर से दक्षिण की लम्बाई 826 किमी व पूर्व से पश्चिम की चौडाई 869 किमी है।
- उत्तर-दक्षिण व पूर्व-पश्चिम की लम्बाई में अन्तर – 43 किमी
- राज. का उत्तरी गाँव कोणा गाँव (गंगानगर)
- राज. का दक्षिणी गाँव बोरकुण्ड (बाँसवाडा)
- पूर्वी गाँव – सिलावट (राजाखेडा धौलपुर)
- पश्चिमी गाँव कटरा (सम जैसलमेर)
- राज. का मध्यवर्ती गाँव लाम्पोलाई (मेडता नागौर)
- राज. की आकृति पंतगाकार / विषमकोणीय चतुर्भुज
- राजस्थान की कुल स्थलीय सीमा – 5920 किमी है, जिसमें अन्तर्राष्ट्रीय सीमा 1070 किमी व अन्तर्राज्यीय सीमा 4850 किमी है।
रेडक्लिफ रेखा –
- भारत-पाकिस्तान के मध्य अन्तर्राष्ट्रीय सीमा रेखा रैडक्लिफ रेखा लगती है।
- भारत-पाक विभाजन के समय इसका निर्धारण सर सीरील रैडक्लिफ द्वारा किया गया।
- विश्व की एकमात्र अन्तर्राष्ट्रीय सीमा रेखा है जिसका निर्धारण मानचित्र पर कलम से किया गया है।
- यह एक अध्यारोपित सीमा (बिना सहमति के थोपना) रेखा है जिसकी राजस्थान में लम्बाई 1070 किमी है।
- राजस्थान में अन्तर्राष्ट्रीय सीमा रेखा हिन्दुमलकोट (गंगानगर) से बाखासर (शाहगढ, बाडमेर) तक है।
अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर राज. के 5 जिले –
(1) श्री गंगानगर (2) बीकानेर (3) फलौदी न्यूनतम सी (4) जैसलमेर – सर्वाधिक सीमा (5) बाडमेर
- राजस्थान के दो जिले जो अन्तर्राष्ट्रीय व अंतर्राज्यीय सीमा बनाते है गंगानगर, बाडमेर
- केवल अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित जिले – 3
राजस्थान की अंतर्राज्यीय सीमा –
(1) पंजाब – 89 किमी
(2) हरियाणा – 1262 किमी
(3) उत्तरप्रदेश 877 किमी
(4) मध्यप्रदेश 1600 किमी
(5) गुजरात 1022 किमी
पडौसी राज्यों पर राजस्थान के जिले –
(1) पंजाब 2 जिले – गंगानगर (सर्वाधिक सीमा), हनुमानगढ (न्यूनतम सीमा)
(2) हरियाणा – 8 जिले – हनुमानगढ (सर्वाधिक सीमा), चूरू, झुंझुनूं, सीकर, कोटपूतली-बहरोड, अलवर, खैरथल-तिजारा, डीग ।
(3) उत्तरप्रदेश – 3 जिले – डीग, भरतपुर, धौलपुर ।
(4) मध्यप्रदेश – 10 जिले – धौलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर, कोटा, बारा, झालावाड (सर्वाधिक सीमा – 520 किमी), भीलवाडा (न्यूनतम – 16 किमी), चितौडगढ, प्रतापगढ, बाँसवाडा।
(5) गुजरात – 6 जिले – बाँसवाडा, डूंगरपुर, उदयपुर (सर्वाधिक सीमा), सिरोही, जालौर, बाडमेर (न्यूनतम सीमा 14 किमी)
*अंतर्राज्यीय सीमा पर सर्वाधिक सीमा बनाने वाला जिला – झालावाड (520 किमी) व न्यूनतम सीमा बनाने वाला जिला – बाडमेर (14 किमी) है।
- अंतर्राज्यीय सीमा बनाने वाले जिले – 25
- केवल अंतर्राज्यीय सीमा बनाने वाले जिले – 23
- सर्वाधिक 7 जिलो के साथ सीमा बनान े वाले जिले जयपुर, पाली, नागौर, चितौडगढ़।
- राज. के सबसे निकट बंदरगाह कांडला बंदरगाह (वर्तमान नाम-दीनदयाल पोर्ट) – अरब सागर में स्थित।
राजस्थान का क्षेत्रफल –
- क्षेत्रफल – 3,42,239 वर्ग किमी (1,32,140 वर्ग मील)
- भारत के क्षेत्रफल का 10.41% या 1/10 भाग क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान का स्थान – प्रथम (1 नवम्बर 2000 को जब छतीसगढ़ बना)व उसके बाद मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश का स्थान है।
- राजस्थान के क्षेत्रफल के लगभग बराबर क्षेत्रफल वाले देश कांगो रिपब्लिक (3.42 लाख), पोलैंड (3.12 लाख), फिनलैंड, जर्मनी, नार्वे।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान के सबसे बड़े जिले –
(1) जैसलमेर 38,401 वर्ग किमी (2) बीकानेर –
(3) बाडमेर (प्रमाणिक आँकडे जारी नहीं हुए है)
क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान के सबसे छोटे जिले –
(1) खैरथल तिजारा
(2) डीग
(3)
सख्यां | जिला | दिनांक |
27 | धौलपुर | 15 अप्रैल 1982 |
28 | बारां | 10 अप्रैल 1991 |
29 | दौसा | 15 अप्रैल 1991 |
30 | राजसंमद | 15 अप्रैल 1991 |
31 | हनुमानगढ़ | 12 जुलाई 1994 |
32 | करौली | 19 जुलाई 1997 |
33 | प्रतापगढ़ | 26 जनवरी 2008 |
राजस्थान में जिले व संभाग –
- प्रारम्भ में राजस्थान में 25 जिले व 5 संभाग थे वर्तमान में 41 जिले व 7 संभाग है।
- 1 नवम्बर 1956 को मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाडिया के समय अजमेर 26 वाँ जिला बना
- रामलुभाया कमेटी की सिफारिश पर राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समय राजस्थान में 19 नये जिले व 3 नये संभाग बनाने की घोषणा की जो 7 अगस्त 2023 को अस्तित्व में आये, जिससे राजस्थान में जिलों की संख्या 50 हो गई थी।
- मुख्यमंत्री भजनलाल जी ने नवगठित जिलों की समीक्षा हेतु, उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा की अध्यक्षता में कैबिनेट सब कमेटी गठित की, इसके बाद संयोजक कैबिनेट मंत्री मदन दिलावर को बनाया गया। इस समिति में राज्यवर्धन सिंह राठौड, हेमंत मीणा, सुरेश सिंह रावत व कन्हैयालाल चौधरी सदस्य थे।
- इस समिति की रिपोर्ट पर 29 दिसम्बर 2024 को सरकार ने अधिसूचना जारी कर 9 जिले अनूपगढ, दूदू, गंगापुर सिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, केकडी, नीम का थाना, सांचौर, शाहपुरा व 3 संभाग बाँसवाडा, पाली, सीकर को निरस्त कर दिया जिससे वर्तमान में राज. में 41 जिले व 7 संभाग है।
संभागीय व्यवस्था (प्रशासनिक मंडल)
- 24 अप्रैल 1962 को मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाडिया द्वारा संभागीय व्यवस्था बंद कर दी गई।
- 26 जनवरी 1987 को मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी द्वारा संभागीय व्यवस्था पुनः प्रारम्भ की गई और 1987 में जयपुर से अलग कर अजमेर को छठा संभाग बनाया।
- 4 जून 2005 को मुख्यमंत्री वंसुधरा राजे के समय भरतपुर को 7 वाँ संभाग बनाया गया।
महत्वपूर्ण बिन्दू-
- चितौडगढ की आकृति घोडे की नाल के समान है।
- दो स्थानों पर खंडित जिला चितौडगढ
- राजसमंद की आकृति तिलक के समान
- जैसलमेर सप्त बहुभुजाकार / अनियमित बहुभुज
- करौली की आकृति बतखाकार है।
- राजसमंद एकमात्र ऐसा जिला है, जिसका नामकरण झील के नाम पर जिला मुख्यालय ‘राजनगर’ के नाम
जिलों के उपनाम-
- गंगानगर – राजस्थान का अन्नागार, धान का कटोरा (सर्वाधिक अन्न उत्पादन के कारण) – प्राचीन नाम – रामनगर
- बीकानेर ऊन का घर व राती घाटी
- जैसलमेर राजस्थान का अंडमान राजस्थान की स्वर्ण नगरी (सुनहरा शहर), हवेलियों का शहर, पीले पत्थरो का शहर, रेगिस्तान का गुलाब, झरोखों की नगरी, पंखों की नगरी, गलियों का शहर, म्यूजियम सिटी
- जोधपुर – मरूस्थल का प्रवेश द्वार / सिंह द्वार सूर्य नगरी, नीली नगरी, किलो का शहर राजस्थान की विधि नगरी, हैंडीक्राफ्ट सिटी ।
नोट – राजस्थान का भूवनेश्वर ओसिया को कहते है ओसिया का प्राचीन नाम – उपकेश पटन
- उदयपुर – झीलों की नगरी (लेक सिटी), राजस्थान का कश्मीर, पूर्व का वेनिस, जिंक नगरी, फाउंटेन (फव्वारा) माउंटेन का शहर, व्हाईट सिटी
- डूंगरपुर पहाडों की नगरी
- सिरोही राजस्थान का शिमला
- राजस्थान का बर्खायांस्क (ठण्डा स्थान) माउंट आबू
- चितौडगढ़ राजस्थान का गौरव भक्ति व शक्ति की नगरी
- बांसवाडा आदिवासियों का शहर, सौ दीपों का शहर, राजस्थान में मानसून का प्रवेश द्वार
- झालावाड राजस्थान का नागपुर, राजस्थान की चेरापूंजी (चरापूंजी वर्तमान नाम सोहरा)
- कोटा राजस्थान का कानपुर (उद्योगो के कारण), राजस्थान का नालंदा (शिक्षा नगरी), इंद्रप्रस्थ औद्योगिक क्षेत्र, उद्यानों (बगीचो) का शहर
- बारां – वराह नगरी, लकड़ी की पहाडी और घाटियों की भूमि (अधिक वन व नदी घाटिया होने के कारण)
- बूंदी – बावडियों का शहर, छोटी काशी
- भीलवाडा – टेक्सटाइल सिटी (वस्त्र नगरी), राजस्थान का मेनचेस्टर, अभ्रक नगरी, तालाबों का शहर
नोट – राजस्थान का नवीनतम मेनचेस्टर – भिवाडी
- अजमेर राजस्थान का हृदय, राजपूताने की कुंजी, भारत का मक्का, राजस्थान का नाका
- भरतपुर राज. का प्रवेश द्वार, राज. का पूर्वी सिंहद्वार
- धौलपुर – रेड डायमंड, राजस्थान का पूर्वी प्रवेश द्वार, डांग का राजा, कोठी (प्राचीन नाम)
- करौली – डांग की रानी, गोपालपाल (प्राचीन नाम)
- जयपुर – पूर्व का पेरिस, पिंक सिटी, सिटी ऑफ आइसलैंड, हेरिटेज सिटी, रत्न नगरी, पन्ना नगरी, प्लास्टिक हब (केन्द्र
चाकसू (जयपुर) का प्राचीन नाम चम्पावती
- नागौर औजारों की नगरी, धातु नगरी
- झुंझुनूं – तांबा जिला
- टोंक – नवाबों की नगरी
- सांचौर – राजस्थान का पंजाब, सत्यपुर (प्राचीन नाम)
- बालोतरा – पोपलीन नगरी
- डीडवाना शेखावाटी का सिंहद्वार