1 जुलाई 2024 से देश में IPC, CRPC और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह 3 नये कानून भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो गये है।
भारतीय न्याय संहिता में नया क्या है–
- शादी का झांसा देकर यौन शोषण अब अपराध है।
- मॉब लिंचिग के लिए अगल से कानून बनाया गया है।
- आतंवाद को आपराधिक कानूनों में शामिल किया।
- संगठित अपराध – डकैती, चोरी, कब्जा, तस्करी, साइबर क्राइम, रंगदारी के लिए अलग कानून बनाया गया।
- सुसाइड करना व सरकारी अधिकारी को ड्यूटी करने से रोकने व सुसाइड का प्रयास करना आदि अपराध होगा, आत्मदाह व भूख हड़ताल को रोकने का प्रयोग।
- नाबालिक के गैंग रेप में फांसी की सजा होगी।
- नाबालिक पत्नी से जबरन सम्बन्ध बनाना अब रेप माना जायेगा।
- छोटे अपराधों में क्कम्यूनिटी सर्विस की सजा देने का प्रावधान।
भारतीय न्याय संहिता से क्या हटाया गया –
- जबरन अप्राकृतिक सबंध बनाना अब गैर कानूनी नहीं है।
- एक्ट्रा मैरिटल विवाहेतर अपराध से हटाये गये।
- अब पुरूषों और ट्रांसजेडरों के साथ कुकर्म के लिए कोई कानून नही।
कानून में और क्या नया है –
- पुलिस रिमांड 15 दिन से बढाकर 90 दिन
- थानों में डिजिटल डिस्प्ले में नज़र आयेगा आरोपी का नाम, पता तथा लगाये गये अपराध की जानकारी।
- सजा के तौर पर समुदायिक सेवा।
- गैर हाजिरी में चलेगा केस।
- पुलिस को F.I.R. से पहले करनी होगी प्राथमिक जांच
- बच्चों व महिलाओं के खिलाफ अपराध में जांच की समय सीमा तय
- पुलिस चौकी थाने बनिा जाये भी हो सकेगी F.I.R.
- केस और गिरफ्तारी की जानकारी अब फोन पर मिलेगी।
- जीरो F.I.R. Cognisable है।
- राजद्रोह को अब उपराध नहीं माना जायेगा, नये कानून की धारा 150 के तहत भारत से अलग होने की प्रथकावादी भावना रखने या भारत की एकता संप्रभुता को खतरा पंहुँचाने को अपराध बताया गया है। यह देशद्राह का अपराध होगा।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता – 2023
- BNSS ने CrPC 1973 को प्रतिस्थापित किया है और इसमें 531 धाराएँ है जिनमें 117 धाराऍं संशोधित की गई।
- 9 नई धाराएँ जोड़ी गई और 14 धाराएँ निरस्त की गई है।
- न्यायालयों का पदानुक्रम – मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेटों की विशिष्टता और भूमिका को समाप्त कर दिया गया।
- गिरफ्तारी का विकल्प
- समुदायिक सेवा की परिभाषा
- शब्दावली का प्रतिस्थापन
- दस्तावेजीकरण प्रोटोकॉल
- प्रक्रियाओं के लिए समय सीमा
- चिकित्सा परीक्षण
- नमूना संग्रह
- फांरेसिक जांच
भारतीय न्याय संहिता BMS -2023
- BNS 2023 ने IPC 1860 को प्रतिस्थापित किया।
- BNS में 358 धाराओं को शामिल किया गया।
- IPC के अधिकांश प्रावधान लागू।
- फेक न्यूज अपराध में शामिल।
- राजद्रोह अब व्यापक रूप में देशद्रोह में शामिल।
- अनिवार्य न्यूनतम सजा निर्धारित की गई।
- व्यभिचार का अपराध हटा दिया गया।
- ठग IPC 310 पूर्णरूप से हटा दी गई।
- अप्राक्रतिक यौन अपराध पूरी तरह निरस्त।
भारतीय साक्ष्य अधिनियम – 2023
- भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 में 170 धाराएँ है।
- 24 धाराओं को संसोधित कयिा गया है। दो को जोड़ा गया है।
- भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की 167 धाराओं में 6 को निरस्त किया गया है।
- इलेक्ट्रानिक रिकार्ड को कानूनी दर्जा।
- मेमोरी और संचार अपकरणों से संग्रहित डेटा शामिल।
BNS – TABLE
अपराध | IPC की धारा | BNB की धारा | सजा |
हत्या | 302 | 103 | मृत्यु या उम्र कैद और जुर्माना |
लापरवाही से मौत | 304(A) | 106 | 5 साल की सजा और जुर्माना या फिर दोनेां |
दहेज हत्या | 304(B) | 80 | सात साल से उम्र कैद तक सजा और जुर्माना |
हत्या का प्रयास | 307 | 109 | पांच साल से लेकर उम्र कैद तक की सजा व जुर्माना |
आत्महत्या का प्रयास | 309 | 226 | एक साल की जेल/ जुर्माना या दोनों/ समुदायकि सेवा |
बाल हत्या | 315 | 91 | 7 साल की जेल या जुर्माना या दोनों |
दंगा करना | 147 | 191(2) | 2 साल की जेल या जुर्माना या दोनों |
छेड़छाड़ | 354 | 74 | 1 साल से 5 साल की सजा और जुर्माना |
यौन उत्पीड़न | 354(A) | 75(2) | 3 साल की कठोर जेल जुर्माना या फिर दोनों |
पीछा करना | 354(D) | 75(2) | तीन साल की जेल या जुर्माना या फिर दोनेां |
दुष्कर्म | 376 | 64 | 10 साल की कठोर सजा जिसे उम्रकैद भी किया जा सकता है और जुर्माना |