राज्‍यपाल

राज्‍यपाल (भाग VI) अनुच्‍छेद (153 – 162)

  • राजस्‍थान के पहले व अंतिम राजप्रमुख – सवाई मानसिंह II (30 मार्च 1949)
  • राजस्‍थान के प्रथम राज्‍यपाल – गुरूमुख निहाल सिंह (सर्वाधिक कार्यकाल)
  • राजस्‍थान की प्रथम महिला राज्‍यपाल – प्रतिभा पाटिल (2004-07)
  • पद पर रहते मृत्‍यु होने वाले पहले राज्‍यपाल – दरबारा सिंह (1998)
  • पद पर रहते मृत्‍यु होने वाली प्रथम महिला राज्‍यपाल – प्रभा राव (2010)
  • वर्तमान राज्‍यपाल (16 वीं विधानसभा) – कालराज मिश्र (44वें)
  • राज्‍यपाल पद का उल्‍लेख – अनुच्‍छेद 153 में
    • प्रत्‍येक राज्‍य में एक राज्‍यपाल होगा।
    • 7 वां संशोधन 1956 – एक व्‍यक्ति को दो या दो से अधिक राज्‍यों का राज्‍यपाल नियुक्‍त किया जा सकता है।
  • राज्‍यपाल की शक्तियां – अनुच्‍छेद 154 में
    • राज्‍य की समस्‍त कार्यपालिका शक्तियां राज्‍यपाल में निहित है।राज्‍यपाल इन शक्तियों का प्रयोग अपने अधिनस्‍थ अधिकारियों या स्‍वविवेक से करेगा।
    • राज्‍यपाल कार्यपालिका का संवौधानिक प्रमुख है। अर्थात् वास्‍तविक शक्तियां मुख्‍यमंत्री या मंत्रीपरिषद् के पास है।
  • राज्‍यपाल की कार्यकारी नियुक्ति – अनुच्‍छेद 155 में
    • राज्‍यपाल की नियुक्ति राष्‍ट्रपति द्वारा की जाती है।
    • राष्‍ट्रपति उसी व्‍यक्ति को किसी राज्‍य का राज्‍यपाल नियुक्‍त करता है जिसकी सिफारिश प्रधानमंत्री / मंत्रिपरिषद ने की है।
    • राज्‍य के नागरिक को उसी राज्‍य में राज्‍यपाल नहीं नियुक्‍त किया जा है।
  • राज्‍यपाल की कार्यकाल का उल्‍लेख – अनुच्‍छेद 156 में
    • राज्‍यपाल का कार्यकालशपथ ग्रहण से 5 वर्ष तक होता है।
    • कार्यकाल के दौरान वह अपना त्‍याग पत्र राष्‍ट्रपति को देगा।
    • राज्‍यपाल की उसी राज्‍य या दूसरे राज्‍य में पुनरनियुक्ति की जा सकती है।
  • राज्‍यपाल का योग्‍यता  – अनुच्‍छेद 157 में
    • वह भारत का नागरिक हो।
    • 35 वर्ष की आयु पूर्ण किए हुआ हो।
  • राज्‍यपाल पद की शर्तें – अनुच्‍छेद 158 में
    • लाभ के पद पर नियुक्‍त व्‍यक्ति राज्‍यपाल नहीं हो सकता
    • सांसद / विधायक की राज्‍यपाल पद पर नियुक्ति की जाने पर पद ग्रहण करने की ताररीख से वह पद समाप्‍त हो जायेगा।
    • वेतन राज्‍य की संचित निधि से दिया जाता है।
    • वेतन – 3.50 लाख प्रतिमाह
    • कार्यकाल के दौरान आपराधिक मुकदमों में गिरफ्तारी नहीं हो सकती है।
    • संयुक्‍त राज्‍यपाल है तो कौनसा राज्‍य कितना वेतन देगा, इसका निर्धारण राष्‍ट्रपति करेगा।
  • राज्‍यपाल की शपथ – अनुच्‍छेद 159 में
    • राज्‍यपाल को शपथ सं‍बंधित राज्‍य के उच्‍च न्‍यायाल के मुख्‍य न्‍याधाधीश / वरिष्‍ठत्तम न्‍यायाधीश दिलाता है।
    • राज्‍यपाल संविधान / विधि के संरक्षण, प्रतिरक्षा व परिरक्षण की शपथ लेता है।
  • राज्‍यपाल की  – अनुच्‍छेद 160 में   
    • ऐसे विषय जिनका उल्‍लेख संविधान में नहीं है। उनके कर्तव्‍यों का निर्वहन राज्‍यपाल राष्‍ट्रपतिके परामर्श से करेगा।
    • राज्‍यपाल का पद आ‍कस्मिक रिक्‍त – उच्‍च न्‍यायालय का मुख्‍य न्‍यायाधीश कार्यवाहक राज्‍यपाल होगा या राष्‍ट्रपति पड़ौसी राज्‍य के राज्‍यपाल को अतिरिक्‍त कार्यभार सौंफ सकता है।
    • राज्‍यपाल का स्‍थानांतरण दूसरे राज्‍य में राष्‍ट्रपति द्वारा किया जा सकता है, वहां पर वह राज्‍यपाल शेष अवधि के लिए कार्य करेगा।
  • राज्यपाल की शक्तियां
    • कार्यपालिका शक्तियां –
      • राज्‍यपाल राज्‍य का प्रमुख होता है।
      • राज्‍यपाल सरकार के सभी कार्य राज्‍यपाल के नाम से किये जाते है।
      • अधिकररियों की नियुक्तियां ।
      • मुख्‍यमंत्री / मंत्रिपरिषद की नियुक्ति।
      • महाधिवक्‍ता की नियुक्ति।
  • संवैधानिक शक्तियां – RPSC के अध्‍यक्ष व सदस्‍यों की नियुक्ति। राज्‍य वित्त आयोग के अध्‍यक्ष व सदस्‍यों की नियुक्ति। SC/ST/ OCB के आयोग अध्‍यक्ष व सदस्‍यों की नियुक्ति। राज्‍यपाल राज्‍य के विश्‍वविद्यालय का कुलपति होता है, व कुलपति की नियुक्ति करता है। मुध्‍यमंत्री से सरकार द्वारा किए गये कार्यों की सूचना देना। राज्‍य में राष्‍ट्रपति शासन लागु करने की सिफारिश।
  • विधायी शक्तियां – राज्‍यपाल राज्‍य की व्‍यवस्‍थापिका का प्रमुध अंग है। विधनसभा के सत्र आहुत / सत्रावसान / विघटित करने की शक्ति। नव गठित विधानसभा के प्रथम सत्र व प्रतिवर्ष विधानसभा के प्रथम सत्र व प्रतिवर्ष विधानसभा के प्रथम सत्र को संबोधित करता है। विधानसभा में 1 आंग्‍ल भारतीय सदस्‍य को मनोनीत।विधान परिषद में कुल सदस्‍यों के 1/6 सदस्‍यों को मनो‍नीत करता है। अध्‍यादेश जारी करने की शक्ति – अनुच्‍छेद 213विधानसभा के अध्‍यक्ष / अपाध्‍यक्ष का पद रिक्‍त होने पर कार्य संचालन के किसी भी इन पदों पर नियुक्‍त ।
  • वित्तिय शक्तियां – विधानसभा में प्रतिवर्ष सरकार का बजट को रखवाता है। जिसे राज्‍य का वित्तमंत्री प्रस्‍तुत करता है। राज्‍य की आसस्मिक निधि पर राज्‍यपाल का नियंत्रण। राज्‍य वित्त आयोग का गठन करता है। धन विधेयक / वित्त विधेयक पर राज्‍यपाल की पुर्वानुमति।
  • न्‍यायिक शक्तियां – अनुच्‍छेद 161 के अनुसार – राज्‍यपाल को क्षमादान की शक्ति प्राप्‍त है। (मृत्‍यु दण्‍ड क्षमादान केवल राष्‍ट्रपति पास)राष्‍ट्रपति उच्‍च न्‍यायालय के न्‍यायधीशों की नियुक्ति / पदोन्‍नति से पूर्व राज्‍यपाल से सलाह करता है।

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